चित्रकूट एक बेहद खूबसूरत शहर है ,यह जगह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीचो-बीच विंध्य पर्वत और घने जंगलों से घिरी हुई है ,इस जगह पर लोग आध्यात्मिक एनर्जी के साथ-साथ सुकून की तलाश में भी आते हैं, चित्रकूट में घूमने के लिए काफी सारी जगह हैं ,जिन्हें आप परिवार के साथ एक्सप्लोरर कर सकते हैं .यहां देखिए चित्रकूट घूमने का घूमने के लिए बेस्ट प्लेस

स्फटिक शिला स्फटिक शिला अपनी सुंदर सेटिंग और पौराणिक महत्व के कारण चित्रकूट में सबसे पहले स्थलों में से एक है ,चित्रकूट में भगवान राम और देवी सीता से संबंधित कई जगह हैं ,स्फटिक शिला उन जगहों में से एक है ,यह शीला उन पॉलिश चट्टानों को संदर्भित करता है जिन पर भगवान श्री राम के पैर की छाया है.
जानकी कुंड मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित जानकी कुंड हिंदुओं के लिए एक पवित्र जगह है, क्योंकि इसका उल्लेख हिंदू धर्म के पवित्र शास्त्रौं में भी किया गया है ,कहते हैं कि यह जगह है जहां देवी सीता आप निर्वासन के दौरान रोजाना नहाया करती थी।

रामघाट हिंदू परंपरा के अनुसार रामघाट एक पवित्र जगह है यह भी मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है रामघाट चित्रकूट के सबसे फेमस पर्यटन स्थलों में से एक है जहां पर हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं
गुप्त गोदावरी गुफाएं चित्रकूट के शानदार आकर्षणों का घर है, लेकिन गुप्त गोदावरी गुफाएं अपने महत्व के लिए हिंदुओं के बीच मशहूर हैं ,कहा जाता है भगवान राम और भगवान लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान दरबार लगाने के लिए यहां मिले थे ,गुफा के प्रवेश द्वार पर ब्रह्मा विष्णु और शिव की मूर्तियां हैं।
कामतानाथ मंदिर भगवान कामतानाथ का मंदिर कामदगिरि पर्वत पर स्थित है, यह पर्वत चारों दिशाओं से धनुष के आकार का दिखाई देता है, त्रेता युग का यह तीर्थ स्थल अपने घर में अनेकों तरह के धार्मिक स्थल संजोये हुए हैं।

चित्रकूट अनेक साधु, संतों और ऋषि मुनियों का यह आध्यात्मिक केंद्र भी रहा है ,जिसकी वजह से चित्रकूट की भूमि पवन हो गई है, चित्रकूट में प्रभु श्री राम 14 वर्ष वनवास काल के दौरान अपने भाई लक्ष्मण और अपनी पत्नी सीता जी के साथ में निवास किया था, भगवान राम के चरणों से चित्रकूट की भूमि पवित्र हो गई है।
कामदगिरि पर्वत चित्रकूट धाम : कामदगिरि की पर्वत की तलहटी में भगवान कामतानाथ का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है ,यह चित्रकूट धाम में सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है, कामद गिरी पर्वत चारों दिशाओं से देखने पर धनुष के आकार का प्रतीत होता दिखाई देता है। कामद गिरी पर्वत के चारों ओर तीर्थ यात्री परिक्रमा करके दर्शन करते हैं। ऐसी मान्यता की कामद गिरी पर्वत की परिक्रमा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इसलिए यहां प्रतिवर्ष दूर-दूर से लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं ,और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं ,भक्त रामघाट पर स्नान करने के बाद अपनी परिक्रमा की शुरुआत करते हैं ,भगवान कामतानाथ की परिक्रमा का मार्ग बहुत ही सरल है, समतल रास्ता है ,जिसमें पक्का चकरोड बना हुआ है ,भक्तों को परिक्रमा करने में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती, रास्ते में बहुत से छोटे-छोटे मंदिर और दर्शनीय स्थलों में दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है ,परिक्रमा के रास्ते में बहुत सी दुकान भी हैं जहां खरीदारी भी कर सकते हैं ।परिक्रमा का मार्ग 5 किलोमीटर दूर है जो कामतानाथ पर्वत के चारों ओर गोलाकार बना हुआ है ,परिक्रमा को पूर्ण करने में 1 से 2 घंटे का समय लग जाता है ,भगवान कामतानाथ की परिक्रमा कामतानाथ मंदिर के मुख्य द्वार से शुरू होते हुए मुख्य द्वार पर आकर खत्म होती है , इसके बाद आप कामतानाथ मंदिर में पूजा करके भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं ,और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की अर्जी लगा सकते हैं।
चित्रकूट में घूमने की जगह का संक्षिप्त परिचय
कामदगिरि पर्वत चित्रकूट ,लक्ष्मण पहाड़ी ,रामघाट चित्रकूट ,गुप्त गोदावरी ,हनुमान धारा, स्फटिक शिला, वाल्मीकि आश्रम, भारत मिलाप ,भरत कूप , और सती अनुसुइया ,जानकी कुंड।