35 हजार शिक्षकों की नौकरी से खतरा टला,यूपी के प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक जिनकी पिछले साल से उड़ी हुई थी नींद

UP Primary School Teacher’s: यूपी के उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत तकरीबन 35000 शिक्षकों की नौकरी से खतरा टल गया है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएड डिग्री धारी इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है
Primary Teachers News: उत्तर प्रदेश सरकार के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत तकरीबन 35 हजार शिक्षकों की नौकरी से खतरा टल गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएड डिग्री धारी इन शिक्षकों ने राहत की सांस ले ली है ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर भर्ती के लिए बी ऐड डिग्री धारी को अयोग्य करने के 11 अगस्त 2023 के फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा है, कि फैसले से पहले हुई भर्ती पर इसका कोई असर नहीं होगा।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई ने वर्ष 2018 में आदेश सूचना जारी कर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती के लिए बी ऐड को मान्य किया था।
इस अधिसूचना के जारी होने के बाद प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में रिक्त सहायक अध्यापकों के 69000 पदों पर भर्ती कराई गई थी।
जिसे बड़ी संख्या में B.Ed डिग्री धारी ने भी आवेदन किया था। बहुत सटीक आंकड़ा तो नहीं है पर लगभग 35000 बीएड डिग्री धारी का चयन भी इस भर्ती में हुआ था ।
जो प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत हैं ,11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बादसे ही उनकी नींदे उड़ी-उड़ी हुई थी। क्योंकि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ की गई केंद्र सरकार और एनसीटीई की अपील को खारिज करते हुए कह दिया था ।
कि प्राथमिक शिक्षक यानी पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ने के लिए बीएड डिग्री धारक योग्य नहीं है। इस कारण इन 35000 शिक्षकों की नौकरी पर खतरा बना रहा था।
जो सुप्रीम कोर्ट के स्पष्टीकरण के बाद समाप्त हो गया मध्य प्रदेश सरकार की अपील पर 11 अगस्त 2023 को दिए अपने फैसले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फैसले से पूर्व यानी फैसले से पहले की हुई भर्तियों पर इसका कोई असर नहीं होगा।यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती फैसले से पहले हुई थी  ।

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