100 टन सोना भारत में वापस लौटा, आखिर कहां था हमारा सोना, और अभी कितना सोना विदेश में जमा है?

RBI GOLD RESERVE: भारत देश में सोने को सिर्फ श्रृंगार के लिए ही नहीं बल्कि मुश्किल हालात में काम आने वाला एक साथी माना जाता है। किसी भी देश की ताकत उसके गोल्ड रिजर्व उसे आंकी जाती है, जिस देश के पास जितना ज्यादा सोना वह देश उतना ही ज्यादा शक्तिशाली। भारत भी इस समय इस रेस में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
बीते कुछ महीनो में केंद्रीय बैंक आरबीआई ने जमकर सोने की खरीदारी की है।भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 महीने में रिकॉर्ड स्तर पर सोना खरीदा है। आंकड़ों में देखे हैं तो 4 महीने में आरबीआई ने 24 टन सोना खरीद लिया है। अब आरबीआई ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है, विदेश में जमा भारतीय सोने की घर वापसी करवा ली है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने ब्रिटेन में जमा 100 टन से अधिक सोना भारत वापस लाकर बड़ी सफलता हासिल की है।
लेकिन लोगों के मन में सवाल है कि आखिर भारत का सोना विदेश में जमा ही क्यों था?
ऐसी कौन सी आफत आ गई थी,जो भारत को अपना सोना ब्रिटेन में जमा करना पड़ा था। आरबीआई के इस कदम से भारत को कितनी ताकत मिलेगी,सोने की वापसी से क्या असर होगा इन तमाम तरह के सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
100 टन सोना भारत आया और आना है बाकी: भारतीय रिजर्व बैंक जहां एक और जमकर सोने की खरीदारी कर रहा है ! तो वहीं विदेशों में जमा अपना सोना भी वापस ला रहा है ! इसी कड़ी में आरबीआई ने ब्रिटेन में जमा अपना 100 टन सोना भारत वापस ले आया है! आरबीआई ने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना देश में अपने भंडार में ट्रांसफर कर लिया है । रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीना में 100 टन सोना भारत में आ सकता है। देश की भीतर सोना जमा करने के लॉजिस्टिक कारण है। आरबीआई ने अपने स्टोरेज को डाईवर्षीफाई कर रहा है।
जिसकी वजह से विदेश में जमा भारतीय सोने की घर वापसी हो रही है। अगर आंकड़ों की बात करें तो मार्च 2024 के अंत तक आरबीआई के पास 822.1 टन सोना था! जिसमें से 413. 8 टन सोना विदेश में रखा है! इसमें से 100.3 टन सोना भारत में रखा है!जबकि 413.8 टन सोना भारतीय विदेश में है! इसके अलावा भारत में नोट जारी करने के लिए रखा गया है! अपने गोल्ड स्टोरेज में 27.5 टन सोना जोड़ा है!
भारत को अपना सोना गिरवी क्यों रखना पड़ा: भारतीय रिजर्व बैंक में ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना भारत वापस लौटा लाया है। आरबीआई ने ब्रिटेन में अपना जमा सोना भारत लाकर बड़ी सफलता हासिल कर ली है। और 1991 के बाद यह पहला मौका है,जब इतने बड़े पैमाने पर सोने की घर वापसी हुई है। जब भारत को अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था !
1991 के दौर में हमारे देश में चंद्रशेखर की सरकार थी, देश का खजाना खाली था,आर्थिक स्थिति डामाडोल हो गई थी, भुगतान संतुलन लुढ़क चुका था, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2500 करोड रुपए के पास पहुंच चुका था ,यह रकम बस इतनी थी जिसे सिर्फ 15 दिन का आयात हो सकता था। भारत जैसे विशाल देश की जर्जर हो चुकी अर्थव्यवस्था को संकट के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा था ।
अर्थव्यवस्था की हालत ऐसी हो चुकी थी, कि वह कभी भी दिवालिया हो सकता था । तेल के दाम आसमान छू रहे थे,ऐसे में भारत के सामने सोना संकट मोचन बनकर आया। 1991 में भारत को भुगतान के लिए दो बार अपना सोना गिरवी रखना पड़ा।
कैसे भारत का सोना ब्रिटेन पहुंच गया: दुनिया भर के बैंकों के लिए ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड में पारंपरिक रूप से भंडार ग्रह का काम करता है दुनिया भर के बैंक लंदन में अपना सोना रखते हैं भारत भी अपना सोना अब तक लंदन में रखता था भारत की आजादी से पहले से भी लंदन में भारत के गोल्ड स्टॉक पड़े हैं लेकिन अब फैसला लिया गया है कि वह अपने सोने की बड़ी मात्रा देश के अंदर ही रखेगा टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने कुछ साल पहले सोना खरीदना शुरू किया और इसे तय किया कि उसे कहां स्टोर करना चाहता है  अब विदेश में भारत का स्टॉक बढ़ रहा है इसलिए अब धीरे-धीरे इन गोल्ड स्टॉक की घर वापसी की जा रही है
आरबीआई क्यों विदेश से वापस ला रहा है: अपना सोना भारत की स्थिति अब 1991 से बिल्कुल विपरीत है। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो चुकी है, भारत का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। धीरे-धीरे कर विदेशों में रखा अपना सोना वापस ला रहा है भारत । सोने की घर वापसी से देश की मजबूत अर्थव्यवस्था को दिखाता है। देश में सोने का भंडार बढ़ रहा है। और इसका इस्तेमाल देश की आर्थिक तरक्की में हो रहा है।

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