सालों का रिकॉर्ड टूटा गंगा किनारे का, उड़ गए वैज्ञानिकों के होश, यकीन कैसे करें

कई सालों का रिकॉर्ड टूटा गंगा किनारे का, उड़ गए वैज्ञानिकों के होश, यकीन कैसे करें
Varanasi Khabar : बनारस में इस बार कई सालों का रिकॉर्ड टूटा हुआ दिखाई दे रहा है, यहां की लाइफ लाइन माँ गंगा अपने किनारो को बहुत दूर छोड़ चुकी हैं!घाटों और किनारो पर रेत और गंदगी जमा हो चुकी है!वैज्ञानिकों ने इसको लेकर के बहुत ज्यादा चिंता जताई है, आईए जानते हैं क्या है मामला!

U.P. Varansi Khabar  इस वर्ष भीषण गर्मी की वजह से बनारस में मां गंगा की सेहत काफी खराब दिखाई दे रही है,पिछले साल जून के मुकाबले इस बार गंगा करीब 15 से 20 फीट नीचे चली गई है! आलम यह है की बीच धार में भी गंगा के साथ अब गंगा के किनारे भी रेतीले (सेंड कोस्ट)में तब्दील होते जा रहे हैं!
गंगा किनारे के पक्के घाटों पर रेत का टीला जमा होने लगा है, पहली बार देखने को मिल रहा है की गंगा के बसावट वाले इलाकों पर भी घाटों में बालू और गाद जम रहा है!


वैज्ञानिक और इस पर कहा है कि यह सब देखकर यकीन नहीं होता है, की गंगा के हालात इतने बद तर हो जाएंगे,इसकी रोकथाम तुरंत करनी होगी,वरना सब बर्बाद हो जाएगा!
बनारस में गंगा के किनारे करीब 40 से ज्यादा घाटों पर भी यही स्थिति दिखाई दे रही है, सक्का घाट, ललिता घाट, सिंधिया घाट से लेकर दशास्वमेघ घाट, पांडे घाट ,से लेकर शिवाला घाट ,तक रेट गाद पहुंच गया है, अस्सी घाट तो पहले ही बालू मिट्टी में समा चुका है!सबसे ज्यादा बालू मिट्टी दशाश्वमेघ घाट पर जमा हो गई है!
राजघाट और दशाश्वमेध घाट पर जमा हुई रेत बोटिंग करने में हो रही है परेशानी!बोटिंग करने वाले भी रेत से होकर नाव पर चढ़ते हैं ,दशास्वमेघ घाट के सामने हरियाली से डेढ़ किलोमीटर चौड़ा रेत का टीला बन गया है!
गायघाट से राजघाट के बीच में भी 2 किलोमीटर चौड़ा रेत उभर गया है! घाट के सामने गंगा के बीच में लंबे-लंबे रेत के तिल निकल आए हैं!यहां पानी की उपलब्धता बेहद ही काम हो गई है!
इसके बाद नजारे तो और भी भयावह हो रहे हैं!
रेत के कारण साफ समझ में आ सकता है, की हालत किस दिशा की ओर बढ़ रहे हैं!

गंगा की अविरलता पर रोक जरूरी वैज्ञानिकों ने बताया है की, गंगा वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी सबसे बड़ी वजह गंगा की धारा पर रोक लगाना है! बांधों से गंगा के पानी को नुकसान हो रहा है!
पहले सरकार का पूरा प्रयास गंगा के निर्मली कारण पर का फेल होते जा रहा है !क्योंकि गंगा के तमाम प्रयास किए गए हैं गंगा रिसर्च सेंटर  भू के प्रोफेसर डॉक्टर बी. डी.त्रिपाठी ने कहा है कि एसटीपी प्लांट बना,सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना,और सब काम कर रहे हैं!
लेकिन गंगा में पानी का स्तर घटने से प्रदूषण का मानक बढ़ता ही जा रहा है! गंगा में पानी न होने से जो नालों के सीवरेज इसमें गिर रहे हैं,वह भी यहां पर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं!

गंगा की सभी योजनाएं साफ सफाई की सभी  योजनाएं धरी की धरी रह जाएगी : पिछले 10 सालों में गंगा सफाई के लिए सरकार ने काफी योजनाएं संचालित की हैं, लेकिन रिकार्ड पानी की कमी के सारे मेहनत पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है! ऐसे में यदि गंगा की धारा पर ध्यान नहीं दिया गया तो, यह सारी योजनाएं कभी भी सफल साबित नहीं होगी! ऐसे में गंगा की सफाई के साथ गंगा की धारा पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए!

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