Weekly Fast and Festival’s
मई माह के पहले सप्ताह में कई विशेष व्रत त्यौहार आने वाले हैं इस सप्ताह श्री शीतला अष्टमी व्रत वरुथिनी एकादशी व्रत रवि प्रदोष व्रत आदि कई तिथियों का व्रत किया जाएगा, साथ ही इस सप्ताह की शुरुआत कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से हो रही है और अंत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हो रहा है आईए जानते हैं मई माह के पहले सप्ताह में पडने वाले प्रमुख त्योहारों के बारे में

Saptahik Vrat Tyohar: मई माह का पहला सप्ताह व्रत त्योहार के लिहाज से बहुत शुभ माना जा रहा है वर्तमान सप्ताह का शुभारंभ वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से हो रही है और इस दिन में शुक्र तारा अस्त होने जा रहा है जिससे सभी शुभ कार्य पर रोक लग जाएगी साथ ही इस सप्ताह शीतला सप्तमी व अष्टमी व्रत पंचक प्रारंभ वरुथिनी एकादशी व्रत रवि प्रदोष व्रत समेत कई प्रमुख त्योहार पड़ने वाले हैं व्रत त्योहार के साथ इस सप्ताह गुरु ग्रह वृषभ राशि में गोचर करेंगे और उसके दो सप्ताह बाद शुक्र की तरह वह भी अस्त हो जाएंगे तो आईए जानते हैं मई के पहले सप्ताह के व्रत त्योहार के विषय में

शुक्रास्त 29 अप्रैल सोमवार: हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्व दिशा में शुक्र जब तक उदय रहता है तभी तक वैवाहिक शुभ कार्य होते हैं शुक्र के अस्त होने के बाद विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं होते हैं 29 अप्रैल की रात्रि 11:14 के बाद में शुक्र अस्त हो जाएंगे इस दिन से कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा

शीतला सप्तमी व्रत 30 अप्रैल मंगलवार: वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को माता शीतला का पूजन किया जाएगा इस दिन सप्तमी व्रत रखकर माता शीतला की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है ,
संयोग से इस दिन गुरु अर्जन देव की जयंती भी है अर्जुन देव या गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवे गुरु थे और गुरु अर्जन देव जी शहीदों के सरताज एवं शांतिपुंज हैं आध्यात्मिक जगत में गुरु जी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है उनको ब्रह्म ज्ञानी भी कहा जाता है

श्री शीतला अष्टमी व्रत 1 मई बुधवार:
वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी व्रत रखा जाता है शीतला माता को ठंडक प्रदान करने वाली देवी कहा गया है इस दिन मां शीतला को वासी ठंडा खाने का भोग लगाया जाता है और वाशी भोजन खाने का विधान भी है मां शीतला का काल भैरव के साथ में पूजन करके शुभ समृद्धि की प्राप्ति होती है इस दिन महाराष्ट्र दिवस और श्रमिक दिवस भी है
पंचक प्रारंभ 2 मई गुरुवार:
हिंदू पंचांग के आधार पर हर महीने में घनिष्ठा के आधे नक्षत्र से पंचक लगता है 2 मेई को सुबह 11:30 बजे पंचक प्रारंभ हो जाएगा और इसका समापन 6 मेई दिन मंगलवार को शाम 5:45 पर होगा इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, पंचक के समय लकड़ी एकत्र करना ,मकान पर छत डालना, शव जलाना ,चारपाई बनवाना, वर्जित है साथ ही इस दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा भी वर्जित है
रवि प्रदोष व्रत 5 मई रविवार :

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में प्रदोष व्रत दो बार आता है, यह व्रत हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है ,जब वह व्रत रविवार को पड़ता है तो उसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है ,जिस तरह एकादशी का महत्व है उसी तरह प्रदोष की तिथि का विशेष महत्व है, सूर्य नारायण की विशेष कृपा होती है ,भगवान महादेव की कृपा से जीवन में सुख शांति सुख समृद्धि का वास होता है,
वरुथिनी एकादशी व्रत 4 मई शनिवार :

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी व्रत रखते हैं, एकादशी व्रत रखकर लक्ष्मी नारायण के रूप में भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जाता है, और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है ,और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही इसी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश हो जाता है